Wednesday 3 December, 2008

आज मनमोहन को एक जोरदार थप्पड़ जड़ा है जरदारी ने

नहीं सौंपेंगे आतंकवादी : जरदारी
पूरे देश की जनभावना में आए उबाल को देख कर भारत सरकार ने पाकिस्तान को २० आतंकवादियों की सूची सौंपी थी, की पाकिस्तान जल्द से जल्द इन आतंकवादियों को भारत को सौंपे और लीजिये ये है पाकिस्तान के राष्ट्रपति - जरदारी का जवाब : की पाकिस्तान इन आतंकवादियों को भारत को नहीं सौंपेगा और सबूत मिलने पर वो अपने देश की अदालतों में उन पर मुक़दमा चलाएगा (हर कोई जनता है की न तो उनकी अदालत इन सबूतों को मानेगी और न ही आतंकवादियों का कुछ होगा)
मनमोहन सिंह जी, देख लीजिये निकल गयी न हवा आपकी गीदड़ भभकी की. अब तो शेखी बघारना बंद कीजिये और चूडियाँ पहन कर अपने बंगले में जाकर खाता-बही संभालिए. ये राज-नीति, विदेश-नीति और कूट-नीति आपके क्या आपके अगल-बगल रहने वाले सभी नाकारा मंत्रियों के भी बस के बाहर की चीज है.

8 comments:

  1. यही अन्तर है भारत और पाकिस्तान में . अब भी चेत जाँय तो बेहतर .

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  2. अरे, मनमोहन तो सरदार है, इसमें उसकी कोई गलती नहीं है. :)

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  3. चू.... हैं वो जो कांग्रेस को वोट दिए थे.

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  4. आप क्या जानो, मनमोहन जी, सीमा पार सेना युद्ध को तैयार खड़ी है !!

    यह समाचार क्या आपको नहीं चौंकाता !!
    यह इंटेलिजेंस फेलर नहीं है.
    इसके पहले की वह हम पर परमाणु बम गिरा दें.........

    मैं यह नहीं समझ पाता कि अफगानिस्तान सीमा पर तालिबानियों से लड़ रहे पाकिस्तानी स्स...ले हैं कितने जो हमसे लडेंगे. पर कमीने जो ठहरे.
    मुझे लगता है कि वे अपना इस्लामिक बम हम पर गिराना चाहते हैं.
    बस उनका बाप अमेरिका उनके साथ नहीं है, नहीं तो...दिल्ली, मुंबई कब की साफ़ हो गई होती.
    अगर आप अंग्रेज़ी के ब्लॉग पढ़ें तो कितनी बुरी तरह से भारत की छीछालेदर किए हुए हैं ये पाकिस्तानी और हम 6000 ब्लॉगर बस हिन्दी-मराठी, मनमोहन-आडवाणी में फंसे हुए हैं.
    आज एकता की ज़रूरत है.
    युद्ध कब छिड़ जाए क्या पता !! क्या एक और कारगिल या दिल्ली या मुंबई या लाल किला जैसी घटना के लिए तैयार हैं !!!!!

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  5. main ye samajhta hoon ki parosi ko kosne ke bajai apna ghar majboot karna cahiye. Pakistan kab se itna sarif ho gaya ki apke sikayat par dhyan dega. uska bas chale to do/ char so aur bhej de atankwadi. hame itna majboot banana cahiye ki koi ankh utha ke bhi na dekh sake.
    Pravin

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  6. आपकी टिप्‍पणी बिल्‍कूल सम सामयिक है,देश को ऐसे ही विचारों की आवश्‍यकता है,नयी पीढी से यह उम्‍मीद की जा सकती है.अन्‍यथा आने वाला वक्‍त हमें माफ नहीं करेगा.

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