Thursday 27 November, 2008

उन्होंने भारत को जंग में हरा ही दिया

अपने ड्राइंग रूम में बैठ कर भले ही कुछ लोग इस बात पर मुझसे इत्तेफाक न रखे मुझसे बहस भी करें लेकिन ये सच है उन्होंने हमें हरा दिया, ले लिया बदला अपनी पिछली सभी हारों का और अपने नाकाबिल-नाकारा नेताओ के भरोसे चलने वाले इस देश के हम आम नागरिक हताश और बेबस अपने देश की जलती इज्जत की चिताओ से उठता हुआ धुआं अपने-अपने टीवी की स्क्रीन पर देख रहे हैं. हम सभी भारतीय यह जानते ही थे की मुंबई पर हमला कौन कर सकता है किंतु देश से अधिक अपने वोट बैंक की चिंता करने वाले नेताओ को कम से कम प्राप्त सबूतों के आधार पर यह मानना होगा और स्पष्ट रूप से यह कहना होगा की यह कायराना कार्यवाही कोई आतंकवादी हमला नही बल्कि सोची समझी रणनीति और अपने संसाधनों तथा अपने ही वहशी दरिंदो को भारत में भेजकर पाकिस्तान द्वारा की गयी एक सैन्य कार्यवाही है जिसको पाकिस्तानी सेना, सरकार और आई.एस.आई. ने बिल्कुल प्लानिंग के साथ अंजाम दिया और अपने नापाक इरादों में कामयाब भी हुए - उन्होंने न केवल हमारी अर्थव्यवस्था के केन्द्र को निशाना बनाया बल्की पूरे विश्व के सामने हमें नीचा दिखाया. उन्होंने साबित कर दिया की वो जब चाहे जहाँ चाहे और जिसे चाहे मार सकते हैं. वो हमले करते रहेंगे और हमारे प्रधान-मंत्री और गृह-मंत्री सिर्फ़ बयान, सांत्वना और कार्यवाही के झूठे दिलासे अपने देशवासियों को देते रहेंगे. आज प्रधान-मंत्री मनमोहन सिंह ने कहा की इसमे पड़ोसी देश का हाथ हो सकता है और वे उनसे बात करेंगे. हाँ, बिल्कुल सच है, वे सिर्फ़ बात ही कर सकते है, कार्यवाही करने के लिए तो जिगर चाहिए. आज बिना गुर्दा वाले नेता ही इस देश के प्रमुख पदों पर बैठे हुए है. इन्होने देश की जनता को मरने के लिए छोड़ दिया है. इनकी अपनी सुरक्षा पर करोड़ों रूपये खर्च होते हो, आम-जनता से इनका कोई वास्ता नही. अब जनता को इनके दिखावे के आँसू नही चाहिए, इन्हे तो चूड़ी पहन कर अपने बंगले में बैठना चाहिए. काश अभी कोई ऐसा प्रधान-मंत्री होता जो पाकिस्तानी सेना के ठिकानों को हमारी वायु-सेना से नेस्तनाबूद करवा देता ताकि एक स्पष्ट संदेश पाकिस्तान के हुक्मरानों को मिले और वे फ़िर कभी ऐसा दुस्साहस करने की कल्पना भी न कर सके.
- अनुराग, कोलकाता